12 Part
253 times read
29 Liked
*मधुरालय* *सुरभित आसव मधुरालय का*11 शुद्ध सोच के आसव का यदि, यह दुनिया नित पान करे। सकल भेव रँग-रूप-जाति का- चले नहीं चतुराई है।। ...